आज की तारीख में भारत के कानून किसानों को काफी परेशान किए हुए हैं। वे अपने खेत में पराली जलाते हैं तो तुरंत ही एफ आई आर दर्ज कर दी जाती है। जुर्माना लगाने जेल भेजने जैसी उत्पीड़न कार्रवाई भी इसमें शामिल है। इससे अच्छा था अंग्रेजों का जमाना बुजुर्गों का कहना है कि इतने सख्त कानून तो अंग्रेज भी किसानों के लिए नहीं लेकर आए थे जितना आज की हुकूमत अपना रही है। किसान पराली वाले इस आदेश के खिलाफ धरना प्रदर्शन तो कर ही रहे हैं कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रहे हैं। यह बात अलग है कि पर्यावरण प्रदूषित होना बताकर उन्हें वहां से भी राहत ना मिले परंतु दूसरा पहलू यह भी है कि यह कानून सिर्फ किसानों के लिए ही सख्त क्यों हैं। दूसरे प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई नहीं दूसरे प्रदूषण फैलाने वालों पर तो इतनी सख्त कार्रवाई प्रशासन शासन अब तक नहीं कर पाया है। सैकड़ों भट्ठे, राइस मिल, फ्लोर मिल, छीनीं मिल, कपड़ा मिल, प्लांट इतना अधिक धुआं उगलते हैं कि प्रदूषण प्रभावित होता है। इन पर कभी भी कार्रवाई की बात किसी ने नहीं सुनी होगी। क्या किसान के द्वारा थोड़ी सी पराली जलाने पर वातावरण इतना अधिक प्रभावित